क्या मचने वाली है भयानक तबाही ? भारत में दिखा कुछ ऐसा, हिल गई ऐसा, हिल गई पूरी दुनिया

नई दिल्ली। कुछ महीनों में डूम्सडे फिश यानी कयामत मछली को दुनिया के कई समुद्री तटों पर देखा गया है। यह मछली भारत में भी देखी गई है। यह एक बार फिर तमिलनाडु में दिखाई दी है। राज्य के रामनाथपुरम जिले में मछुआरों को डूम्सडे फिश मिली। इस मछली को ओरफिश (Oarfish) के नाम से भी जाना जाता है। मछुआरों ने इसे गलती से पकड़ा। मछुआरों ने इस मछली को रविवार को रामेश्वरम बंदरगाह को छोड़ने के बाद मन्नार की खाड़ी से लौटते समय मिली थी। जब वह किनारे पर पहुंचकर मछलियों की छंटाई कर रहे थे, तब उन्हें यह चमकदार, लंबी मछली दिखी।

इसका वजन 6 किलो था। इससे पहले भी तमिलनाडु में यह मछली देखी गई थी। कहा जाता है कि जब-जब यह मछली देखी जाती है, तब-तब दुनिया में कुछ अशुभ होता है । यह मछली हाल के महीनों में दुनिया के कई इलाकों में देखी गई है। कहा जाता है इस मछली के देखे जाने का मतलब है कि प्रलय नजदीक है। यानी कोई भीषण समुद्री आपदा जैसे भूकंप और सुनामी आने वाली है। यह मछली गहरे पानी में रहती है और शायद ही कभी मछुआरों के जाल कभी फंसती है। डूम्सडे फिश को प्रलयकारी मछली इसलिए माना जाता है कि जब- जब जापानी समुद्री तट के आसपास मछुआरों के जाल में यह मछली फंसी या फिर बहकर किनारे पर आई, तब-तब भूकंप, सुनामी या प्राकृतिक आपदा आई है। लोग मानते हैं कि जब कोई भीषण आपदा आने वाली होती है, तो यह मछली सतह पर आ जाती है ।

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वैज्ञानिक भाषा में इसे रीगलेकस ग्लेस्नी कहा जाता है। यह दुनिया की सबसे लंबी बोनी फिश में से एक है। आमतौर पर यह मछली समुद्र में 200 से 1000 मीटर यानी करीब 3300 फीट की गहराई में रहती है। इसकी वजह से इसे देख पाना लगभग दुर्लभ होता है। हालांकि, जब यह दिखती है तो अपने साथ प्रलय की कहानियां लेकर आती है। इसका शरीर एकदम बर्फ की तरह सफेद दिखता है और इसका धड़ एकदम लाल आता है। जापान में लोग इस मछली को अशुभ मानते हैं। उनका मानना है कि अगर यह मछली दिखती है तो देश में भूकंप या सुनामी आती है।

बताया जाता है कि साल 2011 में यह मछली दिखी थी, जिसके बाद भयानक सुनामी आई थी। इस प्राकृतिक आपदा में कई हजार लोगों की मौत हो गई थी। कई दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में भी ओरफिश के देखे जाने को लंबे समय से प्राकृतिक आपदाओं की कहानियों से जोड़ा जाता है। कुछ देशों में यह भी माना जाता है कि इस मछली के अचानक दिखने को एक चेतावनी जैसा देखा जाता है कि पृथ्वी जल्द ही हिल सकती है।

मरीन बायोलॉजिस्ट और वैज्ञानिक इन कहानियों पर यकीन नहीं करते हैं। उनका कहना है कि ओरफिश कई वजहों से सतह पर आ सकती है। उनका कहना है कि पहला वह घायल हो या बीमार हो । दूसरा समंदर के अंदर तेज बहाव या तूफानी धाराओं के कारण वो रास्ता भटककर ऊपर आ गई हो । तीसरा या वो अपनी जिंदगी के आखिरी क्षण में हो । इस पर वैज्ञानिकों ने शोध भी की है। 2019 में प्रशांत महासागर में एक अध्ययन किया गया था, जिसमें ओरफिश के दिखने और भूकंप आने में कोई भी सीधा संबंध नहीं मिला।

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